ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकी निकले पाकिस्तानी, एक सबूत ने खोली पूरी साजिश की परतें

Operation Mahadev: 14 दिन की खामोश निगरानी का परिणाम, 28 जुलाई 2025 को समाप्त हुए ऑपरेशन महादेव ने न केवल एक सैन्य सफलता दर्ज की बल्कि एक बेहद सटीक खोज और पुष्टि का भी प्रमाण दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने गहन निगरानी और जमीनी कार्रवाई शुरू की थी। अंतिम मुठभेड़ के बाद जो सामान बरामद हुआ, उसने सब कुछ साफ कर दिया।

पाकिस्तानी पहचान का बड़ा खुलासा

तीनों मारे गए संदिग्धों के पास से पाकिस्तानी वोटर आईडी कार्ड, उर्दू में छपे स्नैक्स और चॉकलेट, और ऐसे हथियार मिले जिनकी बैलिस्टिक जांच में पता चला कि ये वही हैं जो पहलगाम हमले में इस्तेमाल किए गए थे। इसके साथ ही बायोमैट्रिक और डीएनए परीक्षण में भी पुष्टि हुई कि ये सभी पाकिस्तानी नागरिक थे।

सबूतों की तालिका

सबूत का प्रकारक्या पुष्टि हुई
वोटर आईडी और दस्तावेजपाकिस्तान के पते और पहचान के साथ मिले
चॉकलेट और पैकेज्ड आइटम्सउर्दू लेबल और पाकिस्तान ब्रांडिंग वाले उत्पाद
हथियार और गोलियांपहलगाम हमले से मेल खाते बैलिस्टिक सिग्नेचर
खुफिया जानकारी व अंतिम संस्कारPoK में गुप्त दफन से पहचान की स्वतंत्र पुष्टि

इस खुलासे का राष्ट्रीय महत्व

इस पूरे ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि बाहरी ताकतें भारत की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने न केवल इन प्रयासों को नाकाम किया, बल्कि ठोस सबूतों के साथ दुनिया को सच्चाई दिखाई।

निष्कर्ष: ऑपरेशन महादेव केवल एक कार्रवाई नहीं थी, यह एक मजबूत संदेश था कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम और सजग है। बरामद हुए दस्तावेज और सबूतों ने न केवल हमलावरों की पहचान उजागर की, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत की खुफिया और फॉरेंसिक क्षमताएं विश्वस्तरीय हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध और आधिकारिक रूप से पुष्टि की गई जानकारियों पर आधारित है। इसमें कोई काल्पनिक या असत्यापित तथ्य नहीं जोड़े गए हैं।

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