NDA की बैठक में गूंजे ‘हर हर महादेव’ और ‘भारत माता की जय’: श्रद्धा नहीं, यह नेतृत्व पर गर्व था

एक बैठक जो बन गई राष्ट्रीय भावना का प्रतीक, 5 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में हुई NDA (National Democratic Alliance) की बैठक केवल एक औपचारिक राजनीतिक आयोजन नहीं थी, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण बन गई। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा में पहुंचे, पूरा हॉल ‘हर हर महादेव’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से गूंज उठा। लेकिन ये नारे इस बार केवल धार्मिक श्रद्धा का संकेत नहीं थे यह नेतृत्व, संकल्प और राष्ट्र के प्रति गर्व की सामूहिक अभिव्यक्ति थे।

क्यों गूंजे यह नारे?

बैठक ऐसे समय पर हुई जब ऑपरेशन महादेव की सफलता ने देश के भीतर सुरक्षा और आत्मबल को नई ऊर्जा दी है। आतंकवाद के विरुद्ध यह ऑपरेशन देश के नागरिकों के दिलों में गर्व और विश्वास की लौ जलाने वाला बना। ऐसे में NDA के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए “हर हर महादेव” सिर्फ धार्मिक उद्घोष नहीं बल्कि सुरक्षा, आस्था और रणनीतिक नेतृत्व का प्रतीक बन गया।

भावनात्मक ऊर्जा और राजनीतिक प्रतिबद्धता

नाराभावनात्मक संदेशराजनीतिक संकेत
हर हर महादेवशक्ति, साहस और धर्म के प्रतीकदृढ़ नेतृत्व और सैन्य सफलता का सम्मान
भारत माता की जयदेशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीकNDA की राष्ट्रवाद नीति का समर्थन

नेतृत्व की स्वीकार्यता का नया स्तर

NDA की यह बैठक एक ऐसे मोड़ पर हुई जब भारत वैश्विक मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है। नरेंद्र मोदी का नेतृत्व सिर्फ विकास या कूटनीति तक सीमित नहीं रहा सुरक्षा, रणनीति और राष्ट्रीय भावना के क्षेत्र में भी उन्होंने मजबूत मिसाल पेश की है। यही कारण था कि “भारत माता की जय” और “हर हर महादेव” जैसी घोषणाएं जनभावना से निकलकर राजनीतिक एकता और आत्मविश्वास का रूप बन गईं।

निष्कर्ष: NDA की यह बैठक एक साधारण राजनीतिक आयोजन नहीं रही। यह राष्ट्र के विश्वास, श्रद्धा और नेतृत्व के संगम का साक्षी बनी। “हर हर महादेव” और “भारत माता की जय” जैसे उद्घोष अब केवल नारे नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भारत के आत्मबल और राष्ट्रीय चरित्र का परिचय हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खबरों और जनभावनाओं पर आधारित है। इसमें किसी संगठन या व्यक्ति के विरुद्ध कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

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