Operation Mahadev: श्रीनगर के पास दाचीगाम के घने जंगलों में दूसरे दिन भी जारी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई

दाचीगाम के जंगलों में सटीक सैन्य रणनीति, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के पास स्थित दाचीगाम के घने जंगल इन दिनों सेना की सटीक और संयमित कार्रवाई का गवाह बन रहे हैं। आतंकवादियों के खिलाफ चल रहा ऑपरेशन महादेव अपने दूसरे दिन भी जारी है। यह ऑपरेशन न केवल सामरिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि भौगोलिक स्थिति के कारण सुरक्षा बलों के लिए अत्यधिक कठिनाई भरा भी है।

ऑपरेशन की मौजूदा स्थिति

सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट मिलने के बाद सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। दाचीगाम का इलाका घने जंगलों, ऊँचाई वाले क्षेत्रों और कठिन भू-भाग के कारण आतंकियों के छिपने के लिए अनुकूल माना जाता है। पहले दिन हुई मुठभेड़ के बाद भी आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि होने पर ऑपरेशन का दायरा और बढ़ा दिया गया है।

भौगोलिक चुनौतियाँ और रणनीतिक महत्व

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित यह क्षेत्र न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी ऊबड़-खाबड़ जमीन और सघन हरियाली सुरक्षा बलों के लिए ऑपरेशन को बेहद संवेदनशील बनाती है। घना जंगल, कम दृश्यता और तीखी ढलानें आतंकियों को मूवमेंट छिपाने में मदद करती हैं, लेकिन सेना की आधुनिक तकनीक और ट्रैकिंग उपकरण इस बढ़त को खत्म करने में जुटे हैं।

सुरक्षा बलों की संयुक्त भूमिका

इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की राइफल रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और CRPF की त्वरित प्रतिक्रिया टीम सक्रिय हैं। ड्रोन सर्विलांस, थर्मल इमेजिंग और नाइट विज़न उपकरणों का इस्तेमाल कर आतंकियों की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी जा रही है।

आतंकवाद के खिलाफ अटूट संकल्प

ऑपरेशन महादेव यह दिखाता है कि चाहे इलाका कितना भी कठिन क्यों न हो, भारतीय सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को किसी भी कीमत पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दाचीगाम के जंगलों में जारी यह कार्रवाई आतंकवादियों के नेटवर्क को तोड़ने और इलाके में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें किसी भी प्रकार का अपुष्ट या भ्रामक तथ्य शामिल नहीं है।

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