भारत के लिए बड़ा खतरा! ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद रच रहा है ‘313’ की साजिश

जब Operation Sindoor ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के तंत्र को गहरा झटका दिया, तब उन्होंने चुपके से एक नई रणनीति अपनानी शुरू कर दी। ग्राउंड पर नुकसान के बावजूद समूह ने अब डिजिटल वॉलेट सिस्टम के ज़रिए धन जुटाने के नए तरीके विकसित किए, और अपने नेटवर्क को फिर से मजबूत करने की कवायद तेज़ कर दी। खासतौर से, JeM ने 313 नए Markaz (केन्द्र) स्थापित करने की योजना बनाई है, जो इसे कई मोर्चों पर एक बड़ी चुनौती बनाता है।

Jaish-e-Mohammed का डिजिटल समायोजन और पुनर्गठन

  • डिजिटल फंडिंग: JeM अब मुखबिरियों और समर्थकों से दान इकठ्ठा करने के लिए EasyPaisa और SadaPay जैसे डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर रहा है। यह रणनीति अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पर नजर रखने वाले संगठनों जैसे FATF से बचने में मदद कर रही है।
  • नई दौर की केंद्र योजनाएं: JeM ने ₹391 करोड़ (PKR 3.91 अरब) जुटाकर सीधे तौर पर 313 नए Markaz स्थापित करने की योजना की है। हर नए केंद्र के लिए अनुमानित खर्च की राशि उल्लेखनीय है।
  • नेतृत्व स्तर पर नियंत्रण: इन वॉलेट खातों का संचालन सीधे Masood Azhar के परिवार के सदस्यों और JeM के उच्च कमांडरों द्वारा किया जा रहा है, जिससे उनके वित्तीय संचालन केंद्रित और सुरक्षित बने रहते हैं।
पहलूविवरण
उद्देश्यJeM समर्थन ढांचे को फिर से मजबूत करना
वित्तीय संशोधनडिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल
Markaz निर्माण313 नए केंद्र स्थापित करने की योजना
संचालकMasood Azhar परिवार और वरिष्ठ कमांडर

निष्कर्ष: Operation Sindoor ने JeM के पारंपरिक ढांचे को भंग करने में सफलता हासिल की, लेकिन यह संगठन खामोशी से वापसी की रणनीति बना रहा है डिजिटल वित्तीय नेटवर्क में संक्रमण और नए Markaz बनाकर। यह दर्शाता है कि आतंकवादी तंत्र अब अधिक लचीला, कमियल और तकनीक-प्रधान हो चला है। भारत की भविष्य की सुरक्षा नीति में इस बदलती रणनीति का विश्लेषण और जवाब अभूतपूर्व रूप से अहम रहेगा।

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