चीनी मोबाइल से मिली लोकेशन ने खोली आतंकियों की पोल – ऑपरेशन महादेव का गेमचेंजर मोड़

ऑपरेशन महादेव के दौरान सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब सुरक्षाबलों के हाथ एक चीनी मोबाइल फोन लगा। पहली नजर में यह आम दिखने वाला बजट डिवाइस था, लेकिन इसके अंदर छुपी डिजिटल जानकारी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। यही मोबाइल बना उस नेटवर्क तक पहुंचने की कुंजी, जो पहल्गाम की घटना से जुड़ा हुआ था।

मोबाइल फोन से कैसे हुआ बड़ा खुलासा?

सुरक्षा बलों को महादेव चोटी के पास एक सुरंग जैसे स्थान से जो डिजिटल डिवाइस मिला, उसमें कोई आधुनिक फीचर नहीं था न GPS, न फिंगरप्रिंट, न स्मार्ट UI। लेकिन इसी की डिस्क कॉल लिस्ट, टेक्स्ट मैसेज और फाइल ट्रांसफर हिस्ट्री को जांचने पर पता चला कि यह डिवाइस सीमा पार नेटवर्क से संपर्क में था।

विशेषज्ञों ने बताया कि इस मोबाइल को केवल संदेश भेजने और निर्देश प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। इसमें छुपे कुछ कोडवर्ड वाले मैसेज, गैलरी में छुपाई गई छवियां, और अज्ञात नंबरों से बातचीत ने जांच एजेंसियों को नई दिशा में भेजा।

क्यों इस्तेमाल किया गया पुराना चीनी मोबाइल?

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस तरह के पुराने, नॉन-स्मार्ट चीनी मोबाइल फोन को जानबूझकर चुना जाता है क्योंकि:

  • इसमें GPS या ट्रैकिंग ऐप्स नहीं होते
  • नेटवर्क को ट्रेस करना मुश्किल होता है
  • सिर्फ 2G नेटवर्क पर काम करता है, जो कम मॉनिटर होता है
  • आसानी से नष्ट किया जा सकता है

लेकिन इस बार, तेज बारिश और कीचड़ के कारण फोन पूरी तरह नष्ट नहीं हो पाया और सुरक्षाबलों ने उसे डेटा रिकवरी के लिए भेजा।

ऑपरेशन महादेव में इसकी भूमिका

यह मोबाइल ही वह कड़ी था जिससे पता चला कि तीनों संदिग्ध व्यक्ति – सुलेमान (उर्फ फैज़ल), हमज़ा अफ़गानी और जिब्रान – किस इलाके में थे, उन्होंने किससे संपर्क किया, और कैसे वे ट्रैकिंग से बचने की कोशिश कर रहे थे। यही मोबाइल उनकी गतिविधियों की डिजिटल छाया बन गया।

तकनीक ने कैसे दिया जवाब?

सेना की सिग्नल इंटेलिजेंस यूनिट, क्रिप्टो-एनालिस्ट्स, और डिजिटल फॉरेंसिक टीमों ने इस मोबाइल से जो डेटा निकाला, उसमें:

  • कॉल्स के समय और स्थान
  • नेटवर्क टॉवर से जुड़ने की लोकेशन
  • टेक्स्ट मैसेज में छिपे कोड्स
  • संभावित संपर्क सूची की पुष्टि

ये सभी जानकारियाँ मिलकर बन गईं ऑपरेशन महादेव की रणनीतिक नींव

निष्कर्ष: जहाँ एक ओर आतंकियों ने पुराने चीनी मोबाइल को ‘कमज़ोर तकनीक’ मानकर चुना, वहीं वही तकनीक बन गई उनके छिपे राज़ों का सबसे बड़ा गवाहऑपरेशन महादेव इस बात का उदाहरण बन गया कि कैसे कमज़ोर समझी जाने वाली चीज़ें भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं, जब उनका उपयोग सही हाथों में हो।

Disclaimer: यह लेख पूरी तरह से सूचना और जनहित के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें कोई आपत्तिजनक या भड़काऊ शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है। सभी जानकारियाँ मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक बयानों पर आधारित हैं।

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