किन्नौर में बाढ़ और बचाव की कहानी, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में अचानक आई तेज बारिश और बादल फटने से फ्लैश बाढ़ जैसे हालात बन गए। पानी का तेज बहाव और टूटे रास्तों के कारण कई लोग नदी के दोनों किनारों पर फंस गए। इस कठिन परिस्थिति में भारतीय सेना ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर राहत अभियान चलाया।
लॉजिस्टिक ड्रोन से रात में राहत सामग्री

भारतीय सेना ने लॉजिस्टिक ड्रोन हाई एल्टीट्यूड सिस्टम (LDHA) का उपयोग करते हुए रात में ही फंसे लोगों तक भोजन, पानी और नारियल पानी जैसी आवश्यक सामग्री पहुंचाई। ड्रोन के जरिए ऊंचाई वाले और मुश्किल इलाकों में मदद पहुंचाना संभव हुआ, जहां सामान्य साधनों से पहुंचना बेहद कठिन था।
बचाव अभियान की मुख्य बातें
- घटना: किन्नौर में बादल फटने और बाढ़ जैसी स्थिति
- सेना की प्रतिक्रिया: हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू ऑपरेशन
- तकनीक: लॉजिस्टिक ड्रोन का इस्तेमाल
- सामग्री: खाना, पीने का पानी और आवश्यक सामान
- अतिरिक्त मदद: क्षेत्र को रोशन कर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक मार्गदर्शन
- चिकित्सा सुविधा: एक घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया गया
तकनीक और तत्परता का उदाहरण
इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि भारतीय सेना न केवल युद्ध के मैदान में बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय भी हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहती है। अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक और संगठित टीमवर्क ने इस बचाव अभियान को तेज, सुरक्षित और प्रभावी बनाया।
निष्कर्ष
किन्नौर बचाव अभियान यह दर्शाता है कि जब मानवीय सेवा और तकनीकी नवाचार मिलते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है। भारतीय सेना की यह पहल न केवल राहत कार्य का हिस्सा है बल्कि यह विश्वास भी दिलाती है कि देश के हर कोने में मदद पहुंचाना संभव है।
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