Operation Mahadev को सफल बनाने वाले सैनिक सिर्फ फौजी नहीं थे, वे थे “Red Devils“, यानी 4 पैरा स्पेशल फोर्स के जांबाज। ये वही वीर हैं जिन्हें ट्रेनिंग के दौरान कांच चबाने, बर्फ में बिना कपड़ों के बैठने, और बिना नींद के 72 घंटे तक लड़ने की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।
इनकी बहादुरी की गूंज पूरे देश में सुनाई दी, जब इन्होंने पहलागाम हमले के तीन खूंखार आतंकियों को 3 घंटे में ढेर कर दिया।
कौन हैं ‘रेड डेविल्स’?
भारतीय सेना की 4 पैरा (स्पेशल फोर्स) को सेना में ‘रेड डेविल्स’ कहा जाता है। ये यूनिट भारत की सबसे घातक, सबसे कठिन मिशन वाली टुकड़ी मानी जाती है।
इनकी टैगलाइन ही है: “Men Apart – Every Man an Emperor”
इन सैनिकों को सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी अल्ट्रा कमांडो बनाया जाता है। ये वे जवान होते हैं जो सीधी मुठभेड़, हाई-ऑल्टिट्यूड ऑपरेशन्स, और सीक्रेट मैनहंट मिशनों को अंजाम देते हैं।
ऑपरेशन महादेव: इनका योगदान
28 जुलाई 2025 को श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में जब ऑपरेशन महादेव शुरू हुआ, तो सबसे आगे थे 4 पैरा स्पेशल फोर्सेस के जवान।
इन वीरों ने:
- आतंकियों के छिपने की सटीक लोकेशन पहचानी
- बिना किसी आम नागरिक को नुकसान पहुंचाए पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया
- सुलेमान उर्फ फैज़ल जट्ट, हामजा अफगानी और जिब्रान को सिर में गोली मारकर ढेर किया
- पूरी कार्रवाई 3 घंटे से कम समय में पूरी की
4 पैरा स्पेशल फोर्स: ट्रेनिंग और क्षमता
विशेषता | विवरण |
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गठन वर्ष | 1961 (पैरा रेजीमेंट की स्थापना), स्पेशल फोर्सेस बाद में बनीं |
उपनाम | रेड डेविल्स |
चयन प्रक्रिया | 90% से ज्यादा कैंडिडेट फेल हो जाते हैं |
ट्रेनिंग लोकेशन | बेलगाम (कर्नाटक), Nahan (हिमाचल प्रदेश) |
कौशल | स्नाइपिंग, क्लोज-क्वार्टर बैटल, स्कूबा, पर्वतारोहण, पैराशूट जंप |
खास पहचान | छाती पर “BALIDAAN” का बैज और लाल बेरट |
क्यों है 4 पैरा इतनी खास?
इन सैनिकों को हर मौसम, हर भूभाग और हर दुश्मन के लिए तैयार किया जाता है। इन्हें:
- 12,000 फीट की ऊँचाई पर ऑपरेशन करना आता है
- रात के अंधेरे में बिना GPS के लक्ष्य को ढूंढना आता है
- हर मिशन में “Zero Failure Tolerance” का उसूल अपनाया जाता है
निष्कर्ष: ऑपरेशन महादेव की सफलता सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की स्पेशल फोर्स की अडिग क्षमता और अपार साहस का प्रतीक थी।
4 पैरा के “रेड डेविल्स” ने फिर साबित कर दिया कि जब भारत की सरहदें पुकारती हैं, तो ये वीर बिना कुछ पूछे दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देना जानते हैं।
Disclaimer: यह लेख उपलब्ध सार्वजनिक सूचनाओं और ऑपरेशन महादेव से जुड़ी रिपोर्ट्स पर आधारित है। सुरक्षा कारणों से कुछ जानकारी सीमित या प्रतीकात्मक हो सकती है।
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