GoPro कैमरा से आधार तक: ऑपरेशन महादेव में मिला सबूत, कैसे उजागर हुई पाक की साज़िश?

Operation Mahadev सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं था, यह एक रणनीतिक सफलता थी जिसने कश्मीर घाटी में पाकिस्तान समर्थित गतिविधियों की गहराई को उजागर कर दिया।
28 जुलाई 2025 को श्रीनगर के महादेव चोटी के पास हुए निर्णायक ऑपरेशन के बाद जो तीन संदिग्ध व्यक्ति मारे गए, उनके पास से GoPro कैमरे, पाकिस्तानी चॉकलेट्स, दवाईयां, सैटेलाइट फोन और फर्जी आधार कार्ड जैसे सामान बरामद हुए। इन चीज़ों ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को महत्वपूर्ण सुराग दिए और पड़ोसी देश की संलिप्तता की पुष्टि की।

ऑपरेशन के दौरान मिला सामान

भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मिले सामानों ने यह सिद्ध कर दिया कि घुसपैठ केवल बंदूक की ताकत नहीं, बल्कि तकनीकी, डिजिटल और मनोवैज्ञानिक रणनीति से भी हो रही थी।

बरामद सामग्रीमहत्व और उपयोग
GoPro कैमरारिकॉर्डिंग के लिए – घाटी में बनाई गई गतिविधियों के लिए
पाकिस्तानी चॉकलेटउत्पत्ति के प्रमाण – सीधे पाक से आने की पुष्टि
दवाइयां (उर्दू लेबल)पाकिस्तानी मेडिकल सप्लाई की उपस्थिति दिखाती है
सैटेलाइट फोनएन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन के लिए
फर्जी आधार कार्डस्थानीय पहचान छुपाने हेतु – छद्म पहचान के लिए

साज़िश का खुलासा कैसे हुआ?

इन वस्तुओं के बरामद होने से यह साफ हो गया कि घुसपैठिए केवल हथियार लेकर नहीं आते, बल्कि पूरी तैयारी, फर्जी पहचान और तकनीकी साधनों से लैस होकर आते हैं। फर्जी आधार कार्ड इस बात का संकेत है कि स्थानीय पहचान बनाकर लंबे समय तक छुपने का प्लान था। वहीं GoPro कैमरा, उनकी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग और निगरानी की योजना को दर्शाता है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन महादेव की सफलता की पुष्टि करते हुए कहा कि,

“जो श्रीनगर और पहलगाम में नागरिकों पर हमला करने के पीछे थे, वे अब नहीं रहे।”

उन्होंने आगे बताया कि बरामद सामानों में पाकिस्तान में बनी वस्तुएं, हथियार, और डिजिटल डिवाइस शामिल थे, जो उनकी विदेशी ट्रेनिंग और नेटवर्क को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष: ऑपरेशन महादेव न केवल रणनीतिक रूप से सफल रहा, बल्कि इसने यह भी साबित किया कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां केवल मुकाबला ही नहीं करतीं वे सबूत जुटाकर साज़िशों की परतें भी खोलती हैं
GoPro कैमरा, चॉकलेट, दवाइयां और फर्जी दस्तावेज़ – ये सभी मिलकर उस जाल को उजागर करते हैं, जो सीमा पार बैठी ताकतों द्वारा रचा गया था

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना और जन-जागरूकता के लिए है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी ब्रीफिंग और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी व्यक्ति या संस्था के प्रति कोई पक्षपात नहीं रखा गया है।

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